Chandauli: माता अपने एक पुत्र को राम भक्त व दूसरे को बनाए राष्ट्रभक्तः सुमित्रा
चंदौली: मुख्यालय स्थित नगर पंचायत वार्ड नं. 14 गांधी नगर में विगत कई दिनों से मानस एवं अध्यात्म प्रचार समिति की ओर से श्रीराम कथा का आयोजन किया गया है। नव दिवसीय श्रीराम कथा की चौथी निशा को कथा वाचक चंदन जी महाराज ने बताया कि बाबा तुलसी मानव संस्कृत भाषा में नगर हिंदी क्यों लिखे सब भाषा शाखा है। संस्कृत लिखे भाषा मूल धूल से राहत है। शाखा में फल फूल है। उदय नारायण मानस मयंक ने मंगल भवन अमंगल हारी की चर्चा करते हुए विस्तार से वर्णन किया।
कहा कि घर में माता पिता, पत्नी और पति से प्यार होता है। भगवान उनके घर मंगल करते हैं और अमल हारते हैं। माता व पिता खत्म हुए उसी दिन राम अमल छोड़कर कानन चले गए। चंद्रबली दास सोनभद्र से पधारी सुमित्रा ने बताया कि सुमित्रा के दो बेटे लक्ष्मण को राम के साथ लगा दिया और शत्रुघ्न को राष्ट्र सेवा में लगा दिया। इसलिए प्रत्येक माता को एक पुत्र राम भक्त व दूसरा पुत्र राष्ट्रभक्ति पर लगा देना चाहिए। पंडित रामचंद्र मिश्र ने बताया कि भारत के जीवन में भरण पोषण रक्षा व तपस्या की शिवाकांत मानस जी ने तीन बताया है। यज्ञ, हवन, धनुष यज्ञ और समर यज्ञ की विस्तृत व्याख्या की।
मानस मर्मज्ञ डा. सुधा पांडेय ने संगीतमय कथा के माध्यम से भगवान की लीलाओं का सुंदर वर्णन किया। उन्होंने श्रीराम के चार विवाह के बारे में विस्तृत रूप से बताया। इस अवसर पर हरिद्वार सिंह, शिव बचन सिंह, जय शंकर द्विवेदी, सिविल बार के महामंत्री हरेन्द्र प्रताप सिंह, पंडित पंकज तिवारी, मृत्युंजय तिवारी, सुरेंद्र मिश्रा सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।