Chandauli: राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 26 विद्यालय के शिक्षकों को दिया गया एक दिवसीय प्रशिक्षण
चंदौली: जिला चिकित्सालय पंडित कमलापति त्रिपाठी जिला चिकित्सालय के सभागार हाल में 24 विद्यालयों से आए शिक्षकों को जिले स्तर पर मानसिक बीमारियों के विभिन्न पहलू, उनके रोकथाम उपचार व राज्य स्तरीय पर स्थापित टेलीमानस एवं जिले में स्थापित मानसिक ओपीडी तथा काउंसलिंग सेंटर पर उनके उपयोग के बारे में विस्तृत चर्चा कर प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन उद्घाटन कमलापति त्रिपाठी जिला चिकित्सालय के अधीक्षक डाo सत्यप्रकाश व नोडल अधिकारी डा. सीपी सिंह ने किया। डाo सिंह ने कहा कि आज की आधुनिक टेक्नोलाजी की दुनिया बहुत तेजी से विकास की राह में अग्रसर है। इस चकाचौंध भरी दुनिया में इच्छाओं का अपनी एक गति है। इसमें इंसान अपनी आशाओं व जरूरतों के साथ सब कुछ पाने के लिए जी जान से जुटा है। इसके कारण मनुष्य संवेदना, क्षमता, खुशियों, रिश्ते सामाजिकता भूलता जा रहा है। इससे उसमें मानसिक तनाव एवं चिंता अवसाद आदि मानसिक रोग का रूप लेकर व्यक्ति के जीवन आचरण व्यवहार एवं मानसिक अशांति पैदा हो रही है।
डा. सत्यप्रकाश ने कहा कि मानसिक बीमारियों की उत्पत्ति डर, शक, चिंता व तनाव से उत्पन्न होती है। यह अलग-अलग तरह की मानसिक बीमारियों का रूप लेता है। मनोचिकित्सक डा. नितेश सिंह ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने एक नई बीमारी की जानकारी दे रहे है। इसे मोबाइल एडिक्शन के नाम से जाना जाता है। इसकी लत से बच्चों में आक्रामकता, आंखों की परेशानी, यादाश्त की कमी, माइग्रेन, सर्वाइकल की समस्या, सामाजिकता की कमी के कुसमायोजित व्यवहार जो अभिभावक के प्रति नकारात्मक व्यवहार आ रहा है। इसमे कंडेक्ट डिसऑर्डर बीमारी अपना विकट रूप दिखा रही है। कहा कि आज किशोरों में सिजोफ्रेनिया डिसआर्डर देखने को मिल रही है। इसका कारण तनाव है।
मानसिक बीमारियों के लक्षणों के बारे में माता-पिता को जानकारी न होने के कारण परेशान होकर झाड़-फूंक अन्य चीजों अपने पैसे को बर्बादी कर रहे हैं। जबकि इसका इलाज संभव है आसान तरीकों से ऐसे रोग से रोगी की शारीरिक जांच में सामान्य रहती है। क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट अजय कुमार ने कहा कि ऐसे ही मिर्गी की बीमारी होने पर लोग झाड़-फूंक कराते हैं। बल्कि ऐसा करना गलत है। इस मौके पर डा. अवधेश कुमार, डा. अजय कुमार आदि मौजूद रहे। मन कक्ष ओपीडी दिन सोमवार, बुधवार व शुक्रवार जिला चिकित्सालय कक्ष संख्या 40 में संचालित की जाती है।