Chandauli News: शोभायात्रा के साथ संगीतमयी सात दिवसीय श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ प्रारंभ
सत्य का ईश्वर की सत्ता से अत्यंत घनिष्ठ संबंध भागवत महापुराण श्रवण से जीव को भुक्ति एवं मुक्ति दोनों की प्राप्ति- अखिलानंद महराज
पीडीडीयू नगर: संस्कृति संजीवनी सेवा संस्थान ट्रस्ट के तत्वावधान में स्थानीय शाहकुटी स्थित श्रीकाली मंदिर के समीप अन्नपूर्णा लान नेपाली बड़ा प्रांगण में सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा का बुधवार को प्रातः आठ बजे शोभायात्रा के साथ प्रारंभ हुआ। इस दौरान शोभायात्रा स्थानीय काली महाल स्थित श्रीकाली मंदिर से प्रारंभ हो कर नगर भ्रमण पश्चात शाहकुटी स्थित श्रीकाली मंदिर कथा स्थल पहुंच कर समाप्त हुयी। मौके पर ढ़ोल नगाड़े संग तुलसी वृक्ष के साथ सभी भक्त कथा स्थल पहुंचे जहां माता श्रीकाली का पूजन आदि कर कलश स्थापन किया गया। इसके अलावा वैदिक ब्राह्मणों द्वारा कलश स्थापना के साथ ही महापुराण का पूजन आदि किया गया।
अपराह्न काल ब्यासपीठ व भगवान की आरती कर कथा का आरंभ हुआ जहां श्रीमद् भागवत व श्रीमानस मर्मज्ञ अखिलानंद जी महाराज के मुखारबिंदु से कथा का श्रवण कराया गया। अखिलानंद ने कथा वाचन के दौरान भक्त और भक्ति पर चर्चा करते हुए भक्ति के विभिन्न मार्गों के विषय में बताया। उन्होंने कहा कि सत्संग मतलब पूर्ण महात्मा और सज्जनों के संग का नाम ही सत्संग है। इसे मनुष्य अगर निष्ठा के साथ करे तो वह लोहा से सोना बन जाये। सत्य वह है जो सर्वदा एक रस रहे। उस सत्य का ईश्वर की सत्ता से अत्यंत घनिष्ठ संबंध है। संसार की अन्य वस्तुएं असत्य है। क्योंकि माया स्वरूप होने से वे परिवर्तनशील है।
श्रीमद् भागवत के महिमा का वर्णन करते हुए महाराज जी ने कहा कि भागवत महापुराण के श्रवण से जीव को भुक्ति एवं मुक्ति दोनों को प्राप्त करता है। अगर भक्ति ना हो तो प्रगट करा दे और अगर है तो उसको और बढ़ा दे ऐसी कथा है भागवत जी की इसलिए यह भक्ति प्रधान ग्रन्थ है ज्ञान वैराग्य के साथ-साथ भक्ति की पुष्टि होती है। कथा में यजमान के रूप में शैलेश तिवारी, ममता तिवारी, यज्ञनारायण सिंह, उपेन्द्र सिंह, संजय तिवारी, दिनेश सिंह, कमलेश तिवारी, कन्हैया जायसवाल, वृजेश सिंह, मनोज श्रीवास्तव, मिथलेश मिश्रा, संतोष पाठक नरेन्द्र मिश्रा, आलोक पाण्डेय आदि सैकड़ों भक्तों ने कथा का रसपान किया