पीडीडीयू नगर: शिक्षक दिवस के अवसर पर मंगलवार को नगर स्थित केशरी नंदन उत्सव वाटिका के एसी बैंक्वेट हॉल में न्यू ग्लोबल रिसर्च फाउंडेशन द्वारा चंदौली जनपद के साथ ही कई अन्य जनपदों व प्रदेश के बाहर के चयनित उत्कृष्ट कार्य करने वाले 65 शिक्षकों को बेस्ट टीचर अवार्ड 2023 से सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें प्रशस्ति पत्र, अंगवस्त्र व मोनेंटो प्रदान किया गया। इनका चयन एवं सम्मान पिछले एक वर्ष में इनके द्वारा शिक्षण और शिक्षा के विकास में इनके विशिष्ट योगदान के लिए प्रदान किया गया। जो विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, बेसिक शिक्षा, कोचिंग क्लासेज व पब्लिक स्कूल्स से जुड़े हैं।
शिक्षकों को मुख्य अतिथि पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के पूर्व कुलपति प्रोफेसर राजकुमार एवं विशिष्ठ अतिथि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉक्टर अनिल कुमार सिंह, डॉक्टर राजेश सिंह, प्रोफेसर आर के मंडल एवं श्री डी आर महिला महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. मो. आरिफ ने अपने हाथों सम्मानित किया। कार्यक्रम संयोजक सुरेश कुमार अकेला के अनुसार कार्यक्रम में चंदौली, बलिया, भदोही, वाराणसी, सोनभद्र, मीरजापुर, गोरखपुर, मऊ, हरदोई, सिद्धार्थ नगर इत्यादि जनपदों के साथ ही दिल्ली से चयनित उत्कृष्ट कार्य करने वाले 65 शिक्षकों को बेस्ट टीचर अवार्ड -2023 प्रदान किया गया।
सम्मान समारोह से पूर्व ‘भारतीय शिक्षा में गुरु-शिष्य परंपरा’ विषयक नेशनल सेमिनार भी आयोजित है जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में काशी हिंदू विश्व विद्यालय के पर्यटन विभाग के सह आचार्य डाक्टर अनिल कुमार सिंह ने कहा कि दुनिया में भारत इसलिए विशेष स्थान रखता है क्योंकि यहां की शिक्षा व्यवस्था सामंजस्य एवं मानवीय मूल्यों के विकास के दर्शन पर आधारित है। अगर अपनी ऐतिहासिक शिक्षा व्यवस्था के बारे में जानने का प्रयास करें तो प्राप्त होगा कि हमारे गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था में गुरु और शिष्य के बीच पिता-पुत्र जैसा आपसी सम्बन्ध था। जहां गुरु अपने शिष्य के प्रति अपार स्नेह रखता था वहीं शिष्य गुरु के प्रति समर्पण का भाव रखता था। व्यवसायीकरण के आज के दौर में इसमें कमी आई है जिसे सुधारने की आवश्यकता है। शिक्षा एक साधना है जिसमें सीखने और सीखाने वाले के बीच सम्मान का भाव होना आवश्यक है। शिक्षक केवल वही नही होता जो विद्यालयों में शिक्षा देता है। प्रथम शिक्षक तो मां और पिता होते हैं अतः बच्चे का अपने मां-पिता से भी अच्छे संबंध होने चाहिए।
मुख्य अतिथि प्रो राज कुमार ने कहा कि समाज में किसी भी प्रकार का परिवर्तन शिक्षा से लाया जा सकता है। जिसके लिए जरूरी है कि शिक्षा के दोनों मजबूत स्तंभ शिक्षक एवं शिक्षार्थी के बीच स्वस्थ संबंध हो। इसके लिए हमें अपने पुराने दिनों से सीख लेनी चाहिए। विशिष्ट अथिति डॉक्टर मोहम्मद आरिफ, प्रोफेसर आर के मंडल, डाक्टर नीलम सिंह एवं शिक्षक प्रतिनिधी के रूप में बृजेश कुमार भी आपने विचार रखे। इस अवसर पर मुख्य रूप से मनोज पाठक, वी के राय, संजय राय, दिवाकर, आशुतोष सिंह, सी के पालित, राजेश कुमार, सतनाम सिंह, चंद्रभूषण मिश्र, राजेश गुप्ता, सतीश जिंदल, डॉक्टर अनिल यादव, डॉक्टर विनय वर्मा, सुधीर भास्कर राव पांडे, शरद चंद्र मिश्र, दिलीप, प्रमोद गुप्ता, दिनेश शर्मा, सौम्य सिंह, बेबी फातमा, रामकृपा प्रसाद ज्ञानचंद्र, रवि कुमार, दिव्यांशी शर्मा इत्यादि लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता फाउंडेशन के चेयरमैन ए राम, संचालन कन्वीनर सुरेश अकेला व धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव संजय शर्मा ने किया।