पीडीडीयू नगर: लाल बहादुर शास्त्री स्नातकोत्तर महाविद्यालय दीनदयाल उपाध्याय नगर के नवीन परिसर में आज दिनांक १७ जुलाई को पंo पारसनाथ तिवारी जी की ३० वीं पुण्यतिथि का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्रद्धांजलि देते हुए प्रोo दीनबंधु तिवारी ने कहा कि पंo पारसनाथ तिवारी जी महामानव थे वो जो भी संकल्प लेते थे उसे पूरा करने का भरसक प्रयास करते थे। जिस समय उन्होंने इस महाविद्यालय की स्थापना की थी उस समय साधन सुलभता से उपलब्ध नहीं थे। प्रोo तिवारी जी ने कहा कि उनके जुझारू व्यक्तित्व के कारण पूर्व प्रधानमंत्री स्व चंद्रशेखर जी उनका आदर व सम्मान करते थे और नियमताबाद परिसर के संगोष्ठी कक्ष का उद्घाटन स्व चंद्रशेखर जी ने किया था। राजनीति के क्षेत्र में भी उनका दख़ल था। वो निरंतर १९ वर्षों तक नगर पालिका के अध्यक्ष रहे।
डा विजयशंकर मिश्र ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पंo पारसनाथ तिवारी जी मानवतावादी थे। आज महाविद्यालय उनके सपनों को साकार कर रहा है, उनकी इच्छा थी कि महाविद्यालय में वाणिज्य और विज्ञान की पढ़ाई आरंभ हो परंतु किन्ही कारणों से वो पाठ्यक्रम आरम्भ नहीं हो सका परंतु इस वर्ष स्नातक स्तर पर विज्ञान की पढ़ाई आरंभ कराकर प्रबंधन ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी। उन्हें चंदौली का महामना कहा जाता था। जयशंकर जी ने कहा कि लेकिन उनके सिखाये हुए वचन आज भी मुझे याद है, मैं अपने आपको बहुत ही भाग्यशाली महसूस करता हूं कि मुझे उनके साथ कार्य करने का अवसर मिला। प्रोo योगेन्द्र जी ने कहा कि पं पारसनाथ तिवारी जी ने हम सभी को जिंदगी को सही ढंग से जीने का तरीक़ा सिखाया था जिसका अनुसरण आज भी हम सभी कर रहे हैं।
अध्यक्षीय उद्बोधन देते प्रबंधक श्री राजेश कुमार तिवारी जी ने कहा कि आधुनिक युग में भी बाबा के विचार प्रासंगिक है, उनके व्यक्तित्व व कृतित्व में ऐसा जादू था कि लोग उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाते थे। प्रबंधक श्री राजेश कुमार तिवारी ने कहा कि उनके साथ रहने वाले लोग बताते थे कि बचपन से ही पंडित जी की सार्वजनिक कार्यों में विशेष रुचि थी, उन्होंने नगरपालिका इंटर कालेज व लाल बहादुर शास्त्री स्नातकोत्तर महाविद्यालय, लाल बहादुर शास्त्री शिक्षण संस्था की स्थापना की।
कार्यक्रम का शुभारंभ डाo जगदीश चन्द्र जी के पौराणिक मंगलाचरण से हुआ, कार्यक्रम का संचालन प्रोo इशरत जहां ने, स्वागत प्रोo उदयन मिश्र ने व धन्यवाद ज्ञापन प्रोo अमित राय ने किया। इस अवसर पर प्रोo मनोज, डा वंदना, प्रो राजीव, प्रोo अरुण, प्रोo धनंजय, डाo धन्नू प्रसाद, डाo गुलजबी, डाo भावना, डाo ब्रजेश, प्रोo अजीत, डाo कामेश, डाo विवेक, डाo साधना, डाo मीना, डाo सारिका, डाo अमितेश, डाo मनोज, डाo सुनील, डाo संजय, डाo हर्ष, राहुल, रंजीत, सुनील, अतुल, सुरेंद्र, चन्द्रशेखर आदि उपस्थित रहे।