Chandauli News: भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति डीडीयू रेलवे में हुई फैल, डीडीयू GRP ने यात्री को धौंस दिखाकर वसूले नाजायज हज़ारों रूपये
डीडीयू जंक्शन जीआरपी थाना प्रभारी निरीक्षक सुनील सिंह अपनी धन उगाही के पुराने खेल को छुपाने के लिए पत्रकार से फोन पर अभद्रता से बात कर लगे धमकी देने
डीडीयू रेलवे GRP आए दिन यात्रियों से करते है वसूली, पैसों वसूली का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर हुई वायरल, डीडीयू GRP के नाजायज वसूली की शिकायत जा पहुंची डीडीयू मंडल के डीआरएम और जीआरपी एसपी तक, फिर भी नहीं हुई अब तक कोई कार्यवाही
पीडीडीयू नगर: एक तरफ सरकार अधिकारियोें व कर्मियों को भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति अपना कर कार्य करने की बात कर रही है। वहीं दूसरी तरफ जनपद स्तरीय अधिकारी व रेलवे विभाग में तैनात जीआरपी कर्मी लगातार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे है। इससे सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है। वहीं आम जनता में जीआरपी की कारगुजारिया चर्चा का विषय बन गई है। आए दिन रेलवे स्टेशन डीडीयू नगर जक्शन पर जीआरपी पुलिस के जवानों द्वारा प्रभारी निरीक्षक के सह पर यात्रियों से अवैध वसूली की जा रही है। कुछ ऐसा ही मामला विगत दिनों पीडीडीयू जक्शन पर देखने को मिला। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति डीडीयू रेलवे में हुई फैल, डीडीयू GRP ने यात्री को धौंस दिखाकर वसूले नाजायज हज़ारों रूपये, बेबस लाचार यात्री से डीडीयू जीआरपी के जवानों ने धौंस दिखाकर यात्री के जेब से वसूले एक-एक पैसे जोड़कर हजारों रूपए, यात्री घर को लौटा वापस।
बताते चलें कि यह मामला पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे जंक्शन के जीआरपी की जहां आए दिन यात्री होते हैं शिकार उनकी लाचारी और बेबसी का फायदा उठाने का काम करती नजर आई रेलवे की जीआरपी। जहां दिनांक 12.12.2024, 02:10 Am पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर सात पर एक निर्लज्ज यात्री को वर्दी का धौंस दिखाकर, धमका कर डीडीयू थाना जीआरपी के दो कर्मचारियों ने प्लेटफार्म पर बैठे युवक से पैसे वसूलने के लिए डराने धमकाने लगे ये ड्रामा काफी देर तक चला जिसके बाद यात्री को ट्रेन संख्या 12817 के डब्बे में ले जाकर यात्री की तलाशी लेने के बाद जेब से निकले ₹1000 रूपये नाजायज जबरदस्ती वसूल लिए गए और यात्री को ट्रेन से नीचे प्लेटफार्म पर यात्री को उतार दिया गया।
यह सारा वारदात उसी रात प्लेटफार्म नंबर सात पर प्रयागराज यात्रा के लिए जा रहे पत्रकार संदीप कुमार निगम के कैमरे में कैद हो गई। पत्रकार संदीप कुमार निगम द्वारा जनहित से संबंधित इस मामले को समझकर रेलवे और जीआरपी विभाग को जगाने के लिए रेलवे और जीआरपी के तमाम अधिकारियों के ट्विटर पर ट्वीट के माध्यम से अवगत कराया। इस मामले पर जवाब में डीडीयू जीआरपी थाना इंस्पेक्टर को जांच कर आवश्यक कार्रवाई हेतु निर्देशित किया गया। जिस पर पत्रकार संदीप कुमार निगम ने इस मामले में डीडीयू जंक्शन के जीआरपी थाना प्रभारी निरीक्षक सुनिल सिंह से खबर लिखने की लिए वर्जन लेना चाहा तो प्रभारी निरीक्षक आग बबूला होकर पत्रकार को ही धमकी और पैसे वसूली मामले में पत्रकार को ही आरोपित कहने लगे, साथ ही वीडियो क्यों बनाया किसने अधिकार दिया तुम्हें ऐसे और अमर्यादित तरीके से बात करते हुए पत्रकार को थाने आने की धमकी देने लगे। प्रभारी निरीक्षक ने डीडीयू जीआरपी थाना के कारगुज़ारी को छुपाने के लिए जीआरपी दोनों जवानों के बचाव में यात्री के पास टिकट नहीं होने की बात कही। अब सवाल उठता है कि यदि यात्री के पास टिकट नहीं था तो यात्री को प्लेटफॉर्म नं सात से ट्रेन संख्या 12817 के डब्बे में क्यों ले जाया गया। फिर थोड़ी देर तलाशी में हजारों रूपये वसूलने के बाद प्लेटफॉर्म पर छोड़ दिया गया। ऐसे ही आए दिन यात्रियों से बदतमीजी और पैसे वसूली को अंजाम दिया जाता है। साथ ही लोकतंत्र के चौथे स्तंभ अब पत्रकारों के साथ भी बदतमीजी पर उतर आए है इसको लेकर जिले के पत्रकारों में रोष व्याप्त है।
आखिर ये कैसा जीआरपी विभाग है जो डीडीयू रेलवे को सिर्फ धनउगाही का अड्डा बना दिया है यात्रियों के सुरक्षा के नाम पर खुलेआम यात्रियों से पैसा जीआरपी द्वारा छीन लिया जा रहा है इस मामले में सभी अधिकारी अभी तक मौन धारण किए है रेलवे थाना जीआरपी डीडीयू जंक्शन के जीआरपी इंस्पेक्टर सुनील सिंह अपनी धन उगाही के पुराने खेल को छुपाने के लिए पत्रकारों को धमकी देने पर उतर आए हैं भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति डीडीयू रेलवे में हुई फैल होती नजर आ रही है। उक्त घटना के समय मैं वहां पत्रकार मौजूद रहा जिसकी सारी वीडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध है साथी पीड़ित ने ₹1000 बिना किसी वजह छीन लेने की बात कही भी है। जिसे मैं ट्विटर के माध्यम से रेल के तमाम अधिकारी को सूचना देने का कार्य साक्ष्य प्रस्तुत किया जा चुका है। नागरिकों का कहना है कि सरकार की मंशा को डीडीयू थाना जीआरपी इंस्पेक्टर सुनील सिंह पलीता लगाने पर तुले हुए है। अब देखना है रेलवे के उच्च अधिकारियों द्वारा इस मामले में क्या कार्यवाही करते है ।