Chandauli: मेटिस द मेडिसिटी हॉस्पिटल में डॉक्टर की लापरवाही से 06 वर्षीय मासूम की मौत, परिजनों ने जमकर काटा बवाल
पीडीडीयू नगर: निजी अस्पतालों में मौतों का सिलसिला जारी, इलाज के दौरान चिकित्सकों पर लापरवाही बरतने के लग रहे आरोप मुगलसराय क्षेत्र के निजी अस्पतालों में चिकित्सकों की लापरवाही से मौतों का सिलसिला जारी है। अलीनगर थाना अंतर्गत गोधना मोड़ के समीप नेशनल हाईवे किनारे स्थित मेटिस द मेडिसिटी हॉस्पिटल में 06 वर्षीय मासूम के मौत परिजनों ने जमकर काटा बवाल।
बता दें कि इस मामले में भी चिकित्सकों पर इलाज के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप लग रहा है। लेकिन उदासीन स्वास्थ्य महकमा और तटस्थ अधिकारी जांच-पड़ताल के बाद कार्रवाई का आश्वासन देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं। बताते चलें कि मामला थाना अलीनगर क्षेत्र में स्थित मेटिस द मेडिसिटी हॉस्पिटल में मासूम की मौत का मामला मंगलवार की रात्रि आठ बजे शिवलाल के 06 वर्षीय पुत्र अनमोल की अचानक तबियत खराब होने पर भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान चिकित्सकों द्वारा लापरवाही बरतने के क्रम में अनमोल की मौत हो गई। बुधवार की सुबह हॉस्पिटल पर मासूम के परिजनों समेत भारी संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गई। परिजनों समेत लोगों ने मेटिस द मेडिसिटी हॉस्पिटल के चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा करना शुरू कर दिया।
हालांकि सूचना मिलते ही मौके पर स्थानीय पुलिस प्रशासन पहुंची और हंगामा काट रहे लोगों को समझाने बुझाने के साथ ही जांच-पड़ताल कर उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर मामले को शांत कराया। वहीं परिजनों के आरोप के मद्देनजर मेटिस द मेडिसिटी हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रतीक कुमार सिंह ने मीडिया को बताया कि मासूम अनमोल के पिता इसी हॉस्पिटल में कार्यरत हैं। 06 वर्षीय अनमोल न्यूमोनिया से पीड़ित था, हालत बिगड़ने पर उसे बेहतर इलाज के लिए अस्पताल में पिता शिवलाल द्वारा भर्ती कराया गया। जांच और इलाज का दौर जारी था कि इसी बीच बच्चे को उल्टी होने पर लंग्स में उल्टी के फंसने से बच्चे की मौत हो गई। आरोप के प्रश्न पर बताया कि मौत के बाद लोगों का धैर्य जवाब दे जाता है और सहानुभूति में लोग इस तरह के आरोप लगाते हैं, लेकिन मेटिस हॉस्पिटल में किसी भी मरीज के इलाज में लापरवाही नहीं बरती जाती है।
अस्पतालों में इलाज के दौरान लगातार मौतों के मामले सामने आते रहते हैं। दो दिनों पूर्व भी इसी तरह के का मामला करवत स्थित मेडिविन हॉस्पिटल में सामने आया था। उसके बाद परिजनों ने चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए जमकर हॉस्पिटल के बाहर बवाल काटा था। इतना ही नहीं इसके पूर्व भी अलग-अलग निजी अस्पतालों में इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं। लेकिन संबंधित स्वास्थ महकमें के अधिकारियों की उदासीनता से कोई कार्यवाही नहीं हो पाती है और जांच और कार्रवाई का आश्वासन देकर पीड़ित परिवार के मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।