Chandauli: मंदिर से महज दूरी पर मानक के विपरीत संचालित हो रही देशी, अंग्रेजी शराब व बीयर की दुकानें, आखिर चंदौली जिला प्रशासन शराब माफियाओं पर इतना मेहरबान क्यों
जिले में नहीं रहा CM योगी का आदेश न सुप्रीम कोर्ट की फटकार का असर, फिर भी प्रदेश में चंदौली पुलिस नंबर 1
पीडीडीयू नगर: सीएम योगी के आदेश के बाद भी चंदौली जिला प्रशासन मेहरबान, अलीनगर चकिया तिराहे स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के पास धड़ल्ले से बिक रही शराब, चंदौली पुलिस शराब माफियाओं पर इतना मेहरबान क्यों। शराब बिक्री को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिए था बड़ा निर्देश। उन्होंने कहा था प्रदेश में शराब की दुकानें धार्मिक स्थलों और स्कूलों के इर्द-गिर्द ठेके नहीं दिखने चाहिए। उत्तर प्रदेश CM योगी का शराब माफियाओं पर यह कोई पहला आदेश नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि शराब की सरकारी दुकानों को लाइसेंस देने से लेकर उनकी स्थापना तक राज्य सरकारें सख्ती से कानून का पालन कराएं।
बताते चलें कि मुगलसराय थाना अंतर्गत अलीनगर चकिया तिराहा स्थित रेलवे चौकी पुलिस बूथ से महज दूरी पर शराब माफियाओं के सामने ये सभी सरकारी आदेश नाकाम साबित हो रहे हैं। जहां मुगलसराय के चकिया तिराहे पर स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर से महज 7 मीटर की दूरी पर मानक के विपरीत संचालित हो रही देशी, अंग्रेजी शराब व बीयर की दुकानों के चारों तरफ शराबी झूमते और गरियाते देखे जा रहे हैं। वही अंग्रेजी शराब की दुकान के आगे माला, चुनरी की दुकान लगती है उसी रास्ते ज़िले के सभी आला अधिकारियों का प्रतिदिन आना जाना बना रहता है। इसके बावजूद भी चंदौली जिले के अधिकारियों में नहीं रहा CM योगी के आदेश व सुप्रीम कोर्ट की फटकार का असर, आखिरकार चंदौली जिला प्रशासन शराब माफियाओं पर इतना मेहरबान क्यों।
अस्पताल हो या मंदिर-मस्जिद या फिर स्कूल-कॉलेज इनसे महज 50 मीटर की दूरी पर न केवल शराब बेचने की छूट है, बल्कि वैध-अवैध तरीके से बिना रोक टोक चल रहे हैं। यानी रोड के आर-पार सब जायज है लेकिन शराबियों पर कहां कोई नियम चलता है। वहीं शराब दुकान के चारों तरफ झूमते और गरियाते देखे जा रहे हैं। वही डीडीयू रेलवे स्टेशन गेट जीटी रोड पर स्थित प्राचीन काली मंदिर के महज 10 से 12 मीटर के दायरे में ही संचालित ठेके और अहातों के कारण स्कूल-कॉलेज छात्राओं और आस पास रहने वाली महिलाओं को शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है। जनप्रतिनिधियों को इससे कोई सरोकार नहीं और अफसरों को शराब से मिलने वाले राजस्व की चिंता है। दो दशक से नगर में शराब की दुकानों का, विरोध करते-करते थक गए डीडीयू रेलवे स्टेशन के मुख्य गेट पर स्थित काली मंदिर के बाजू में 20 साल से शराब दुकान संचालित है। कोई भी इस दुकान को टस से मस नहीं करा पाया।
दुकानदारों द्वारा हर साल इस दुकान को लेकर सवाल उठाए जाते हैं। अफसर अगली बार से दुकान शिफ्ट करने बात कहकर टाल देते हैं। इस तरह से नगर के धार्मिक स्थलों पर अंग्रेजी शराब व बीयर की दुकान संचालित होती आ रही है। आलम यह है कि सुबह से शाम तक पूरा नगर मयखाने में तब्दील हो जाता है। इस शराब की दुकान को हटवाने के लिए दुकानदार कई बार लामबंद हुए, लेकिन थक हारकर अब विरोध ही बंद कर दिया है। बाजार में आने वाले संभ्रांत परिवार के लोगों के लिए नगर की शराब दुकान शर्मिंदगी का स्पॉट बन गया है। शराबियों के कारण यहां आस-पास की दुकान पर महिलाएं आने से कतराती हैं। आखिर चंदौली जिला प्रशासन शराब माफियाओं पर इतना मेहरबान क्यों..?