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चंदौली

Chandauli: बिना एक्सपायरी डेट के धड़ल्ले से बिक रही मिठाईया, चंदौली परिवार न्यायलय में कार्यरत प्रशासनिक अधिकारी ने की शिकायत

5 साल में भी शासन के आदेशों का पालन

नहीं करा सका चंदौली खाद्य सुरक्षा विभाग

पीडीडीयू नगर: पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर में चर्चित मशहूर मिठाई की दुकान रस कुंज और परंपरा स्वीट के नाम से जाति हैं। जहां कस्टमर को पैकिंग कर दिए गए मिठाई के डब्बे से निकली फफूंद लगी मिठाई कस्टमर ने खाद्य सुरक्षा विभाग से किया शिकायत।

चंदौली परिवार न्यायलय में प्रशासनिक अधिकारी के पद पर कार्यरत सुनिल श्रीवास्तव ने बताया की दिनांक 31/8/24 दिन शनिवार को 2 किलो बर्फी लिया गया। जो अपने पिता जी के मृत्यु पर रविवार 01/09/24 को शोक श्रद्धांजलि के कार्यक्रम पर रिश्तेदारों को जल पान कराने हेतु लिया गया था जो अगले ही दिन मिठाई का डब्बा खोलने पर फफूंद लगी मिठाईया मिली जिसकी शिकायत सुनिल श्रीवास्तव ने चंदौली खाद्य सुरक्षा विभाग को दी। बताया जा रहा है की पहले भी कई बार मिठाई की दुकान रस कुंज और परंपरा चर्चाओं के बाजार में रहा है। शिकायतकर्ता ने कहा कार्रवाई के नाम पर खाद्य सुरक्षा विभाग की लापरवाही सामने आ रही है आखिरकार क्यों नहीं होती कार्रवाई पिछले कई मामलों में चर्चित में रहा यह मिठाई की दुकान ऐसे बड़े दुकानों पर नही होती कोई कार्रवाई।

चंदौली में खाद्य सुरक्षा औषधि प्रशासन विभाग की लापरवाही का बड़ा कारनामा सामने आया है। यहां विभाग की लापरवाही और सुस्ती की इंतहा हो गई। 2019 में आए शासन के आदेशों को खाद्य सुरक्षा विभाग आज तक पालन नहीं करा सका है। साल 2019 में उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए एक शासनादेश जारी किया गया था। इसमें उत्तर प्रदेश के समस्त खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि उत्तर प्रदेश में बिकने वाली मिठाइयों में उनके बनने की तिथि और उनके एक्सपायरी डेट मेंशन करना अनिवार्य है। इन तिथियों को मेंशन किए बिना मिठाइयों का बेचा जाना प्रतिबंधित है।

शासन से आदेश को आए 5 साल हो चुके हैं, लेकिन चंदौली का खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग आज तक इन आदेशों का पालन नहीं करा सका है। छोटे दुकानदारों ने पक्षपात का लगाया आरोप इसके फलस्वरूप चंदौली में एक भी मिठाई की दुकान ऐसी नहीं है, जहां एक्सपायरी डेट मेंशन की हुई मिठाइयां बेची जा रही हों। त्योहारों के दौरान विभाग के द्वारा सैंपलिंग कोरम पूरा करने की कार्रवाई की जाती है। छोटे दुकानदारों का आरोप है कि विभाग बड़े दुकानदार के यहां छापेमारी नहीं किया जाता है वहां से यूनिकी सांठगांठ बनी रहती है जबकि छोटे दुकानदारों के यहां सैंपलिंग के नाम पर उनका शोषण किया जाता है।

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